पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन, 28 माओवादी कैडर हिंसा छोड़ लौटे मुख्यधारा में

पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन, 28 माओवादी कैडर हिंसा छोड़ लौटे मुख्यधारा में

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 🟨 “पूना मारगेम : कार्यक्रम




बस्तर (रायपुर)

(समाचारवाणी)

 “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के अंतर्गत आज जिला नारायणपुर में एक महत्त्वपूर्ण एवं निर्णायक उपलब्धि दर्ज हुई, जहाँ कुल 28 माओवादी कैडर — जिनमें ₹89 लाख के इनामी 19 महिला माओवादी भी शामिल हैं — ने हिंसा का रास्ता छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन तथा सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः समर्पित हैं। “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” — स्थायी शांति और सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम। यह पुनर्वास जिला नारायणपुर के स्थानीय समाज एवं प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों के सतत, समन्वित और दृढ़ प्रयासों का परिणाम है।




 “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति, बढ़ते विश्वास और व्यापक परिवर्तन का आधार बनती जा रही है।आज जिला नारायणपुर में पुनर्वास हुए 28 माओवादी कैडरों में निम्न स्तरों के सदस्य शामिल हैं:

▪ माड़ डिवीज़न DVCM Member

▪ पीएलजीए कंपनी नंबर 06 के मिलिट्री सदस्य

▪ एरिया कमेटी सदस्य (असीएम)

▪ टेक्निकल टीम सदस्य

▪ मिलिट्री प्लाटून पीपीसीएम

▪ मिलिट्री प्लाटून सदस्य

▪ SZCM भास्कर की गार्ड टीम — पार्टी सदस्य (पीएम)

▪ सप्लाई टीम सदस्य (पीएम)

▪ एलओएस सदस्य (पीएम)

▪ जनताना सरकार के सदस्य सभी 28 माओवादी कैडरों ने “मुख्यधारा में जुड़कर शांति और विकास का मार्ग अपनाने” का दृढ़ निर्णय लिया।



 हथियारों के साथ पुनर्वास

कुल 03 माओवादी कैडरों ने अपने पास रखे 03 हथियार (एसएलआर, इंसास एवं .303 रायफल) सुरक्षा बलों को विधिवत रूप से सौंप दिए।यह हिंसा से दूरी बनाने और कानून व्यवस्था पर विश्वास का एक स्पष्ट और सकारात्मक संकेत है।

पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रॉबिन्सन गुड़िया ने जानकारी दी कि आज की कार्रवाई के बाद वर्ष 2025 में जिले में कुल 287 माओवादी कैडर हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं।यह आँकड़ा बताता है कि क्षेत्र में विश्वास, शांति और विकास की प्रक्रिया लगातार गति पकड़ रही है।

 बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा:

“जिला नारायणपुर में 28 माओवादी कैडरों का पुनर्वास यह दर्शाता है कि हिंसक और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन’ पहल पर भरोसा जताते हुए शांति, गरिमा और स्थायी प्रगति का मार्ग चुन रहे हैं।

छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल—क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को आगे बढ़ाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।यह उल्लेखनीय है कि पिछले 50 दिनों में बस्तर रेंज में 512 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।

 IGP बस्तर ने यह भी कहा:

शेष माओवादी कैडर — जिनमें पॉलिटब्यूरो सदस्य देवजी, सेंट्रल कमिटी सदस्य रामदर, DK सदस्य पाप्पा राव, देवा (बरसे देवा) तथा अन्य शामिल हैं — के पास हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

 पुनर्वास कार्यक्रम के दौरान नारायणपुर के स्थानीय समाज,श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम,बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक,   सुश्री प्रतिष्ठा ममगई, कलेक्टर नारायणपुर  श्री रोबिनसन गुड़िया, पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर भाप्रसे सुश्री आकांक्षा शिक्षा खलखो, सीईओ जिला पंचायत नारायणपुर

 श्री रोशन सिंह असवाल सेनानी 38वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री राजीव गुप्ता, सेनानी 43वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री संजय कुमार, सेनानी 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री संजय सिंह, सेनानी 129वीं वाहिनी बीएसएफ, श्री नवल सिंह, सेनानी 135वीं वाहिनी बीएसएफ, अति.पुलिस अधीक्षक भापुसे श्री अक्षय प्रमोद साबद्द्रा, अति.पुलिस अधीक्षक श्री सुशील कुमार नायक,सहित सैकड़ों की संख्या में समाज-प्रमुख, मीड़ियाकर्मी, पत्रकार, पुलिस अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।



Editor-  Sushma surendra tiwari

(Samachar vani news, ambikapur) 

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