बलरामपुर
(समाचारवाणी)
राजपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत के कोदौरा इलाके में एक व्यक्ति द्वारा गांव के किसानों एवं कोटडीह, कोदौरा के शासकीय भूमि में हेरा फेरी कर 60 से 70 एकड़ भूमि अपने नाम कर लेने से धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस संबंध में कोदौरा इलाके के 8 ग्रामो से के लगभग 200 किसानों ने एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया, और गांव के आरोपी के खिलाफ जांच की मांग की है ग्रामीणों ने राजपुर तहसीलदार को ज्ञापन देकर इस बड़े जमीन फर्जी वाड़े के सूक्ष्म जांच की मांग की है और कहां है कि इसमें कुछ पटवारी और राजस्व कर्मचारियों के भी मिली भगत का अंदेशा है।
इसके चलते किसानों की जमीन और शासकीय भूमि कूट रचना कर आरोपी के खाते में दर्ज कर दी गई। राजपुर तहसीलदार ने तत्काल मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का बयान सुना और उन्होंने एक सप्ताह में मामले का जांच करने का आश्वासन दिया है।ग्रामीणों का कहना है कि बिना राजस्व कर्मचारियों की मिली। भगत के इतना बड़ा जमीन घोटाला नहीं हो सकता एक व्यक्ति जो बाहर से आकर गांव में घर बना कर रह रहा है अचानक से उसके नाम से इतनी जमीन कैसे आ गई। इसके साथ ही कोटडीह, भेंडरी, डौरा कोचली,डूमर खोला, सेमरसोत क्षेत्र में बड़े जमीन माफिया और दलालों के सक्रिय होने की भी जानकारी मिल रही है।
धान बिक्री के दौरान पकड़ी गई जमीन की हेरा फेरी
जमीन के दलालों और बिचौलियों के मिली भगत से सीधे-साधे ग्रामीणों की जमीन ने अपने नाम करने से ग्रामीणों में खाता आक्रोश देखा जा रहा है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्राम की महिलाएं और पुरुष इकट्ठा हुए, और उन्होंने खसरे के मिलन में पाया कि उनकी जमीन आरोपी पिता पुत्र के नाम पर चढ़ा दी गई है। उक्त मामला धान बिक्री के दौरान सामने आया जब किसान अपने फसल के रकबे में संशोधन के लिए तहसील कार्यालय पहुंचे थे।इससे पहले भी कोदौरा क्षेत्र में जमीन के फर्जी वाले के कई मामले सामने आ चुके हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर अवैध पट्टा निरस्त नहीं किया जाता है और मामले की जांच नहीं की जाती तो ग्रामीण आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
तहसीलदार ने शुरू की मामले की जांच
मामले की जांच के लिए पहुंची राजपुर तहसीलदार ने कहा कि जब तक जांच नहीं पूरी होती तब तक आरोपी के धान बिक्री नहीं होने हेतु खरीदी केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया है। बताया जा रहा है कि राजस्व रिकॉर्ड में उक्त व्यक्ति के नाम पर कोई रकबा दर्ज नहीं होने के बावजूद वह लगातार समिति में धान बिक्री कैसे कर रहा था।। तहसीलदार ने धान खरीदी प्रभारी को जांच पूरी होने तक संबंधित खसरे के धान को खरीदी नहीं करने हेतु निर्देशित किया है। इधर आरोपी व्यक्ति द्वारा खरीदी प्रभारी से विवाद करने पर मौके पर दौरा चौकी पुलिस को भी पहुंच कर मामले को संभालना पड़ा।




