बलरामपुर
(समाचारवाणी)
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज वन परिक्षेत्र अंतर्गत महावीरगंज में शनिवार रात एक नर हाथी की रहस्यमयी मौत ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रात करीब 9 बजे गांव के रामबरन कोडाकू के घर के सामने हाथी का शव मिलने से ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ जिज्ञासा का माहौल है।
सूचना मिलते ही डीएफओ बलरामपुर आलोक वाजपेयी, रेंजर निखिल सक्सेना और एसडीएम आनंद नेताम मौके पर पहुंचे। वन विभाग ने घटनास्थल को घेरकर सुरक्षा व्यवस्था की, लेकिन भीड़ के बीच ग्रामीणों का गुस्सा और निराशा साफ झलक रही थी।वहीं दूसरी तरफ संभाग में हाथियों की मौत और मानव-हाथी संघर्ष की बढ़ती घटनाएं वन विभाग के लिए खतरे की घंटी हैं।
जानकारों की मानें तो वन्यजीवों के संरक्षण के लिए ठोस नीति, जंगल में संसाधनों की उपलब्धता और ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत है। अगर जल्द ही कदम नहीं उठाए गए, तो न केवल बलरामपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। वन विभाग की लापरवाही कई बार उज़ागर हुई। पहले भी जिले में हाथियों की मौत हुई है।
भविष्य में मानव हाथी द्वन्द रोकने के लिए ठोस रणनीति बनेगी,यह सवाल हर उस शख्स के मन में है जो प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण की चिंता करता है।इधर हाथियों से जनजीवन को सुरक्षित रखने व्यापक उपाय की ज़रूरत है।