बलरामपुर जिले से 7 पहाड़ी कोरवा बिचौलियो के चंगुल में फंसे

बलरामपुर जिले से 7 पहाड़ी कोरवा बिचौलियो के चंगुल में फंसे

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राजपुर (बलरामपुर)

समाचारवाणी 

बलरामपुर जिले के  पहाड़ी कोरवा युवक मानव तस्करी के शिकार हुए हैं ।सात युवकों को उत्तरप्रदेश के कानपुर में बंधक बनाने का मामला सामने आया है। ये सातों युवक पहाड़ी कोरवा समुदाय के हैं। सातों को नौकरी का झांसा देकर कानपुर लाया गया था। इसके बाद उन्हें एक घर के कमरे में बंद कर दिया गया। उदयपुर में पंडो बालिकाओं को कल बिचौलियों के चंगुल से सरगुजा पुलिस ने बरामद किया  और आज राजपुर के पहाड़ी कोरवा समुदाय बिचौलियों के चंगुल में फंसे हैं.

तहसील राजपुर के ग्राम मुनवा के रहने वाले सात युवक आर्थिक तंगी से परेशान होकर रोजगार की तलाश में गांव से बाहर निकले थे। इसी दौरान कुछ लोग इन्हें बड़े शहर में अच्छी नौकरी का लालच देकर कानपुर भेज दिए । लेकिन कानपुर पहुंचते ही इन युवकों को बंधक बना लिया गया।

परिवार वालों ने पुलिस से की शिकायत

कई दिनों तक जब युवकों की कोई खोज-खबर नहीं मिली तो परिवार वाले परेशान होकर राजपुर थाना पहुंचे। परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनके बच्चों को जबरदस्ती बंधक बनाकर रखा गया है और उनकी रिहाई के लिए तुरंत कार्रवाई की जरूरत है।

मामले में राजपुर थाना प्रभारी चंदन सिंह ने बताया कि शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के बाद पुलिस पूरे मामले में जिस स्थान पर लोगों को बंधक बनाया गया है, वहां के पुलिस से समन्वय कर उन्हें वापस लाया जाएगा।

अतिविशिष्ट जनजाति अब मानव तस्करों के निशाने पर -

 सरगुजा संभाग से पिछले कई सालों से मानव तस्करी महानगरों तक होती रही है। पहले युवतियों और आदिवासी बालिकाओं को बहला कर काम दिलाने के बहाने दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में ले जाया जाता था, जहां पर उन्हें बंधक बनाकर आर्थिक और शारीरिक शोषण किया जाता था। पहले कई प्लेसमेंट एजेंसियां भी मानव तस्करी में संलिप्त थी।

 जशपुर, सरगुजा,बलरामपुर, सूरजपुर और कोरिया जिले मानव तस्करी के केंद्र रहे हैं।इधर कुछ सालों में छत्तीसगढ़ से आंध्र प्रदेश,तमिलनाडु, केरल की ओर भी कई  बार मजदूरों को फुसला कर ले जाया गया और उन्हें मजदूरी न देकर बंधक बना लिया गया।कई बार शिकायत होने के बाद  बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, कोरिया पुलिस दूसरे राज्यों से श्रमिकों को छुड़ाकर लाई है। इन दिनों बालिकाओं के साथ छोटे बच्चों को घरेलू कामकाज के साथ छोटे उद्योगों और ईंट भट्टों में काम करने के लिए बिचौलिये और मानव तस्कर उत्तर प्रदेश, पंजाब महाराष्ट्र,गुजरात,तमिलनाडु, कश्मीर जैसे प्रदेशों में ले जा रहे हैं। कई मामलों में शिकायत के बाद पुलिस कार्यवाही करती है, लेकिन अभी तक कई मामले सुलझाये नहीं जा सके हैं । सरगुजा बलरामपुर, जशपुर,सूरजपुर,कोरिया जिले से अति विशिष्ट pvtg समुदाय के लोगों को तस्कर काम करने के लिए दूसरे प्रदेशों में छल कपट कर ले जा रहे हैं, और कम मजदूरी देकर उनका शोषण भी कर रहे हैं।इन इलाकों से पहाड़ी कोरबा पंडो बैगा,मांझी, मझवार कोडाकू समुदाय के ग्रामीण मजदूरी और बेहतर काम की तलाश में बड़े शहरों की ओर रुख करते हैं और इन बिचौलियों के चंगुल में फंस जाते हैं।इन समुदाय की बसाहट में मौसमी पलायन भी रोकना ज़रूरी है।




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