अंबिकापुर (समाचार वाणी)
सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौप जंगल कटाई रोकने की मांग की वनपुत्रों ने
आज हसदेव अरण्य क्षेत्र के घाटबर्रा साल्ही ,फतेहपुर, हरिहरपुर ,ग्राम के ग्रामीणों ने पेड़ कटाई के विरोध में कलेक्ट्रेट सरगुजा पहुंचकर कलेक्टर सरगुजा को हसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगलों के विनाश के लिए जवाबदेह लोगों पर कार्यवाही करते हुए इस अंचल में खदान के लिए जंगलों का विनाश बंद करने की मांग की है। सरगुजा कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में संघर्ष समिति के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ कटाई तत्काल बंद करने की मांग की है।
समृद्ध जैव विविधता, संस्कृति पर खतरा
अपने ज्ञापन में इन्होंने लिखा है कि हम सभी 90% आदिवासी समाज के लोग इस क्षेत्र में रहते हैं जिसमें गोंड, मझवार, अगरिया आदि जनजाति के लोग प्रमुखता से रहते हैं ।हमारी आय का प्रमुख साधन प्राकृतिक संसाधन और जंगल हैं ।हम जंगलों पर आश्रित हैं ।साल में 6 माह के लिए हम जंगलों से आय प्राप्त करते हैं ।यहां के जंगलों से हम महुआ साल , तेंदु पत्ता ,चार, चिरौंजी, सहित सैकड़ो प्रकार की बीमारियों के लिए काम आने वाली जड़ी बूटी का उपयोग करते हैं ,वन औषधि का उत्पादन करते हैं । हम गर्मी में वृक्षों की वजह से तापमान पर नियंत्रण पाते हैं ।इन जंगलों के कारण हमारे क्षेत्र का तापमान कम रहता है। और हमें गर्मी कम लगती है ।खदानों के काटने के कारण इस क्षेत्र में बेतहाशा गर्मी बढ़ जाएगी ।इस कारण हम खदान का विरोध करते हैं ।
इन्होंने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि वर्तमान समय में लाखों की संख्या में पेड़ काटे गए जिसमें हजारों की संख्या में चिड़ियों के घोसले टूटे। अंडे फूटे। पक्षियों के बच्चे मरे, जड़ी बूटी नष्ट हुई, इसका आदिवासी समाज घोर निंदा करता है ,और कड़ा विरोध करता है।अब इस क्षेत्र में एक भी पेड़ नहीं काटना है। दिनांक 21दिसंबर 2023 से गांव को बगैर सूचना दिए क्षेत्र के सरपंचों को बिना कपड़ों के, इतनी बर्बरता पूर्वक पुलिस प्रशासन द्वारा घर में उठाकर आदिवासी समाज का घोर अपमान किया गया है, जिसका समाज घोर निंदा करता है ।इन्होंने कहा कि पूरा आदिवासी समाज इस घटना से अपमानित महसूस कर रहा है।
वन्य जीवों और पक्षियों का उजड़ा आशियाना
अपने ज्ञापन में संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा है कि पशु पक्षियों के रहवास क्षेत्र में भालू ,बंदर ,सियार ,हिरण ,खरगोश, और सैकड़ो प्रजाति के पक्षियों का रहवास का क्षेत्र नष्ट कर दिया गया। इसका समाज और क्षेत्रवासी कड़ा विरोध करते हैं । कलेक्टर सरगुजा से इन्होंने निवेदन किया है कि विकास के नाम पर आदिवासी समाज, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों से खेलने तथा आदिवासी समाज के अधिकारों और स्वाभिमान को कुचलना बंद करें और क्षेत्र के सभी खदानों को निरस्त करें, नहीं तो हम उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। आज उदयपुर क्षेत्र से आए संघर्ष समिति के महिला ,पुरुषों ने कलेक्टर सरगुजा को ज्ञापन सौंपा और तत्काल सभी खदान को निरस्त करते हुए सरगुजा के जंगलों को यथावत रखने की मांग की है।
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